राष्ट्रपति चुनाव : सोमवार को मतदान, जानिए कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति...
रविवार, 16 जुलाई 2017 (15:00 IST)
राष्ट्रपति पद के लिए सोमवार को हो रहे मतदान में देशभर के सांसद तथा विधायक वोटिंग करेंगे। यह चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के द्वारा होता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में राष्ट्रपति का चुनाव काफी अहम होता है। देश के प्रथम नागरिक का चुनाव सीधे जनता न करके उसके चुने हुए प्रतिनिधि यानी विधायक और सांसद करते हैं। आइए समझते हैं इन वोटिंग की किस तरह गिनती की जाती है।
कौन करेगा मतदान : भारत में जनता अपने राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती, बल्कि उसके द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 54 में इसका उल्लेख है। चुनाव में मतदाता सभी राज्यों के 4120 विधायक, 543 लोकसभा सदस्य और 233 राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं अर्थात 4896 वोटर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हैं।
वोटों का मूल्य : 4896 निर्वाचकों के वोटों का कुल मूल्य 10 लाख 98 हजार 882 है। विधायकों के वोटों का मूल्य 5 लाख 49 हजार 474 है, जबकि सांसदों के वोटों का मूल्य 5 लाख 49 हजार 408 है। वोटों का मूल्य 1971 की जनगणना की आबादी के आंकड़ों के आधार पर निकाला जाता है।
विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो, उसकी आबादी देखी जाती है। इसके साथ उस प्रदेश के विधानसभा सदस्यों की संख्या को भी ध्यान में रखा जाता है। वोटों का वेटेज निकालने के लिए प्रदेश की जनसंख्या को चुने गए विधायकों की संख्या से बांटा जाता है। इस तरह जो भी आंकड़ा मिलता है, उसे फिर एक हजार से भाग दिया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का वेटेज होता है। एक हजार से भाग देने पर अगर शेष पांच सौ से ज्यादा हो तो वेटेज में एक जोड़ दिया जाता है।
सांसदों के मतों के वेटेज का गणित अलग है। सबसे पहले सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्यों के वोटों का वेटेज जोड़ा जाता है। अब इस सामूहिक वेटेज का राज्यसभा और लोकसभा के चुने गए सदस्य की कुल संख्या से भाग दिया जाता है। इस तरह जो नंबर मिलता है, वह एक सांसद के वोट का वेटेज होता है। अगर इस तरह भाग देने पर शेष 0.5 से ज्यादा बचता हो तो वेटेज में एक का इजाफा हो जाता है।
देशभर की 31 विधानसभा के 4120 विधायक हैं, लेकिन इनमें से कुछ राज्यों में विधायकों को अयोग्य किए जाने के बाद 4076 विधायक वोट देने के लिए एलिजिबल हैं। हर राज्य में इनकी वोट वैल्यू अलग-अलग है। सभी विधायकों की कुल वोट वैल्यू 5,43,218 है। (मध्य प्रदेश से नरोत्तम और चित्रकूट विधायक प्रेम सिंह का वोट हटाकर)
ये नहीं डाल सकते हैं वोट : राष्ट्रपति द्वारा संसद में नामित सदस्य तथा राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल सकते, क्योंकि ये जनता द्वारा चुने गए सदस्य नहीं होते हैं।
इतने वोट जरूरी : राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती। महामहिम वही बनता है, जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधे से अधिक हिस्सा हासिल करे। अर्थात इस चुनाव में पहले से तय होता है कि जीतने वाले को कितने वोट या वेटेज पाना होगा।
टोटल वोट वैल्यू 3,84,444+1,63,548+5,43,218= 10,91,210 होगी। यानी राष्ट्रपति बनने के लिए 10,91,210/2+1= 5,45,606 वोट वैल्यू की जरूरत होगी।