राष्ट्रपति की ओर से शहीदों की विधवाओं को परमवीर चक्र से सम्मानित करने के बाद पारंपरिक परेड शुरू की गई। उसके बाद देश की विराट सैन्यशक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक के साथ-साथ पहली बार विदेशी सेना फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल करता नजर आया।