Prime Minister Narendra Modi inaugurates Sela Tunnel in Arunachal Pradesh : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में 13000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित सेला सुरंग का शनिवार को उद्घाटन किया। यह सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तवांग तक पूरे साल संपर्क मुहैया करेगी और इसके जरिए सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित होने की उम्मीद है। 825 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस सुरंग को इतनी ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग माना जा रहा है।
असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर 825 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस सुरंग को इतनी ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग माना जा रहा है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सेला सुरंग चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों और हथियार प्रणालियों की बेहतर आवाजाही मुहैया करेगी।
सुरंग से सशस्त्र बलों की तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा : प्रधानमंत्री ने ईटानगर में आयोजित विकसित भारत, विकसित पूर्वोत्तर कार्यक्रम के दौरान डिजिटल माध्यम से सुरंग का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली में जारी बयान में कहा कि सुरंग बालीपारा-चारिद्वार-तवांग सड़क पर सेला दर्रे के पार तवांग को हर मौसम में सड़क संपर्क की सुविधा प्रदान करेगी। इससे सशस्त्र बलों की तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा और सीमा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
सेला सुरंग हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करेगी : मोदी ने अपने संबोधन के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सेला सुरंग हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करेगी और तवांग के लोगों के लिए यात्रा सुगम हो जाएगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे क्षेत्र में कई सुरंगों के निर्माण का कार्य चल रहा है।
मोदी ने सीमावर्ती गांवों की पहले की गई उपेक्षा की आलोचना की और फिर से कहा कि उनकी कार्यशैली देश की जरूरतों के अनुसार है, न कि चुनावी फायदे के लिए। प्रधानमंत्री ने रक्षाकर्मियों से वादा किया कि वह अपने अगले कार्यकाल में उनसे मिलने आएंगे।
सुरंग का निर्माण नई ऑस्ट्रियाई सुरंग प्रौद्योगिकी से किया गया है : उद्घाटन समारोह के दौरान अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजीजू भी मौजूद थे। सेला सुरंग का निर्माण नई ऑस्ट्रियाई सुरंग प्रौद्योगिकी से किया गया है और इसमें उच्चतम मानकों की सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं।
Sela Tunnels inauguration is a moment of great pride for us. When I had laid the foundation stone for it a few years ago, some people were unsure that this project will be completed soon because the work culture that prevailed for several decades normalised delays. But, the NDA… pic.twitter.com/O2JyvI1lhQ
सुरंग की आधारशिला मोदी ने 9 फरवरी 2019 को रखी थी : रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना से क्षेत्र में तेज और बेहतर परिवहन सुविधा प्राप्त होगी और देश के लिए सामरिक महत्व की साबित होगी। सुरंग की आधारशिला मोदी ने नौ फरवरी, 2019 को रखी थी और निर्माण उसी वर्ष एक अप्रैल को शुरू हुआ था।
मंत्रालय के मुताबिक, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दुर्गम इलाके और प्रतिकूल मौसमी चुनौतियों के बावजूद सुरंग का निर्माण कार्य पांच साल में पूरा किया है। मंत्रालय ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में बीआरओ ने 8,737 करोड़ रुपए की लागत से रिकॉर्ड 330 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा किया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour