बिना किसी अपेक्षा के खुले मन से बातें, धीरे-धीरे परिवार में भी बहुत कम होती जा रही हैं और यह चिंता का विषय है। अगर हम युवाओं के विचारों को धरातल पर उतार दें और उन्हें अभिव्यक्त के लिए खुला वातावरण दें तो वे देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हम आसपास नजर दौड़ाएं तो चाहे सामाजिक उद्यमिता, स्टार्टअप, खेल या फिर अन्य क्षेत्र हो, समाज में बड़ा बदलाव लाने वाले युवा ही हैं- वे युवा, जिन्होंने सवाल पूछने और बड़े सपने देखने का साहस दिखाया।
उन्होंने कहा कि अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि युवा बहुत अधिक सवाल करते हैं। अच्छा है कि नौजवान सवाल करते हैं। यह अच्छी बात है क्योंकि इसका अर्थ हुआ कि वे सभी चीजों की जड़ से छानबीन करना चाहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि युवाओं में धैर्य नहीं होता, लेकिन मेरा मानना है कि युवाओं के पास बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। यही वह चीज है जो आज के नौजवानों को अधिक नवाचारी बनने में मदद करती है, क्योंकि वे चीजों को तेजी से करना चाहते हैं।