उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो आपातकाल का कलंक ना होता, अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता, अगर कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती, अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता, सालोसाल पंजाब आतंकवाद की आग में ना जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत ना आती, अगर कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती, अगर कांग्रेस ना होती तो देश के सामान्य जन को सड़क, बिजली, पानी और शौचालय की मूलभूत सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार ना करना पड़ता है।