लगातार एक के बाद एक हिंसक, अभद्र और अमानवीय बयानों से यह साबित होता है कि यह एक संगठित-सुनियोजित अभियान है जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। उससे भी ज्यादा खतरनाक है प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत समूचे RSS-BJP नेतृत्व का इसे शह देना और कोई कार्रवाई न करना। RSS-BJP के लोग क्या अब हिंसा और नफरत को ही लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं?नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी जैसे-जैसे मजबूती से जनता की आवाज उठा रहे हैं, वैसे-वैसे उनके खिलाफ जुबानी और वैचारिक हिंसा बढ़ रही है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 18, 2024
क्या देश के करोड़ों दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों की आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है कि भाजपा, नेता प्रतिपक्ष को "उनकी दादी जैसा हाल" बना…