प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू करने के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणियों के लिए माफी की मांग की। प्रदर्शनकारी चंदगीराम अखाड़े के पास एकत्र हुए और केजरीवाल के बंगले की ओर मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
मुख्यमंत्री केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए : प्रदर्शनकारियों में शामिल पंजूराम ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार हमें नागरिकता दे रही है, जबकि केजरीवाल पूछ रहे हैं कि हमें नौकरी और घर कौन देगा। वह हमारा दर्द नहीं समझते। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केजरीवाल को सीएए और शरणार्थियों के खिलाफ अपने बयान वापस लेने चाहिए तथा माफी मांगनी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में रोहिणी, आदर्श नगर, सिग्नेचर ब्रिज के नजदीक और मजनू का टीला में रहने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों ने हिस्सा लिया। केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि जहां प्रदर्शनकारियों को उनके आवास के पास जाने की अनुमति दी गई, वहीं किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की भी अनुमति नहीं दी गई।
...और पाकिस्तानियों के लिए इतना सम्मान : आप नेता ने कहा, पाकिस्तानियों को पूरी पुलिस सुरक्षा और सम्मान के साथ मेरे घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत है और इस देश के किसानों को दिल्ली आने की भी इजाजत नहीं है? भारतीय किसानों पर आंसू गैस के गोले, लाठी, डंडे और गोलियां? और पाकिस्तानियों के लिए इतना सम्मान?
सीएए को लागू करना भाजपा की वोट बैंक की गंदी राजनीति : केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करना भाजपा की वोट बैंक की गंदी राजनीति है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आकर यहां बसने वालों को नौकरियां और घर दिए जाएंगे, जिसका असर स्थानीय लोगों पर पड़ेगा।
केंद्र सरकार द्वारा सीएए के अधिसूचित नियमों के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
(भाषा) Edited By : Chetan Gour