जम्मू। सेना ने 14 फरवरी को पुलवामा में केरिपुब की बस पर हुए आत्मघाती हमले के जिम्मेदार जैश-ए-मुहम्मद के 2 कमांडरों को ढेर कर दिया है। केरिपुब बस पर हमले में 42 जवान शहीद हुए थे। मारे गए दोनों कमांडरों की पहचान गाजी रशीद और कामरान के तौर पर की गई है। इस कामयाबी के लिए सेना को अपने 5 जवानों की शहादत जरूर देनी पड़ी है जिनमें एक मेजर रैंक का अधिकारी भी है। इस ऑपरेशन में 2 नागरिकों की भी मौत हो गई। कुल 9 लोगों की मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा के पिंगलिन इलाके में जिस मकान में जैश के इन 2 कमांडरों से देर रात से ही मुठभेड़ चल रही थी, उसे आज सोमवार सुबह मोर्टार से उड़ा दिया गया। हालांकि मकान को उड़ाने से पहले पुलवामा में कर्फ्यू जरूर लगा दिया गया था। पुलवामा हमले के दोषी जैश कमांडरों की मौत पर अधिकारियों का कहना था कि जब तक मलबे से शव निकाल पहचान नहीं कर ली जाती, कुछ कहना कठिन होगा। पर उन्होंने इसे माना कि इन दोनों कमांडरों के इस घर में छुपे होने की खबरों के बाद ही ऑपरेशन आरंभ किया गया था।
इस मुठभेड़ में सुबह 5 सैनिकों की शहादत हो गई थी। सैनिकों की ताजा मौतें आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में हुई थीं। शहीद होने वाले सैनिकों में एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल है जबकि 2 नागरिक भी मारे गए है। कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिन इलाके में रविवार को आधी रात के बाद लगभग 1.30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ 10 घटों तक जारी रही थी।
मारे गए आतंकियो की पहचान इस तरह से है
1. गाजी रशीद उर्फ कामरान, पाकिस्तानी नागरिक
2. फहद उल्लाह, पाकिस्तानी नागरिक
(दोनों पुलवामा के घातक हमले के मास्टरमाइंड थे जिसमें 52 CRPF जवान शहीद हुए)
3. हिलाल अहमद, पुलवामा का नागरिक
शहीदों की पहचान मेजर डीएस डोंडियाल, हेडकांस्टेबल सेवाराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरिसिंह के रूप में हुई है जबकि गंभीर रूप से घायल जवान गुलजार मोहम्मद को 92 बेस हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया जिसने वहां दम तोड़ दिया। इसके अलावा 2 स्थानीय नागरिक भी मारे गए।
शहीद मेजर का संबंध 55 राष्ट्रीय रायफल्स से है। घटनास्थल पर मोर्चा संभालने के लिए पैरा कमांडो के दस्ते को बुलाया गया था। आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर 55 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ तथा एसओजी की ओर से इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। घेराबंदी सख्त होता देख छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। कुछ देर की फायरिंग के बाद दूसरी ओर से फायरिंग बंद हो गई। पुलवामा जिले के लेथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हमले वाले दिन 15 गांवों को घेरकर अभियान चलाया गया था। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को हमले के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था।
सुरक्षा एजेंसियां इनसे पूछताछ कर हमले के बारे में सूचनाएं एकत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई हैं, खासकर पुलवामा के उस इलाके पर शिकंजा कसा गया है जिस जगह पर सीआरपीएफ काफिले पर हमला हुआ। सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर से लेकर पांपोर तक नेशनल हाईवे से सटे गांवों में आतंकियों का बड़ा लोकल नेटवर्क काम कर रहा है। करीब 50 ऐसे गांव हैं, जहां इन आतंकी संगठनों के लिए काम हो रहा है।