Chief Minister Bhagwant Mann News : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को हरियाणा के साथ जल बंटवारे के विवाद का मुद्दा उठाया और सीमावर्ती राज्य के खिलाफ भेदभाव की बात कही। उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में पंजाब के साथ केंद्र के व्यवहार को पक्षपातपूर्ण और अनुचित तथा अवांछनीय बताया। उन्होंने भाखड़ा नांगल बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती को लेकर केंद्र की निंदा की। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर टकराव चल रहा है, क्योंकि आप सरकार ने भाखड़ा बांध से पानी साझा करने से इनकार कर दिया है। मान ने पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्य के 6 जिलों के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग की।
पंजाब सरकार का कहना है कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है। एक बयान के अनुसार मान ने जोर देकर कहा कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। उन्होंने इस गंभीर स्थिति को कम करने के लिए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर की जगह यमुना सतलुज लिंक (वाईएसएल) नहर के निर्माण का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में पहले ही कम पानी है। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि पंजाब और हरियाणा के बीच नदी के पानी का बंटवारा करते समय यमुना पर विचार नहीं किया गया, जबकि रावी और ब्यास के पानी पर विचार किया गया।
मान ने केंद्र द्वारा गठित सिंचाई आयोग की 1972 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि पंजाब यमुना नदी घाटी में आता है और इसलिए यदि हरियाणा का रावी और ब्यास नदियों के पानी पर दावा है, तो पंजाब का भी यमुना के पानी पर समान अधिकार होना चाहिए।
सीमावर्ती जिलों के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्य के 6 जिलों के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग की। उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में पानी की अधिक खपत करने वाली धान की फसल की जगह मक्का की खेती के लिए नकद प्रोत्साहन की मांग भी की। इस दौरान मान ने '2047 में विकसित भारत' के लक्ष्य के साथ पंजाब के पूरी तरह तालमेल की पुष्टि की।
मान ने कहा कि 2023 में शुरू किए गए 'पंजाब विजन 2047' के तहत औद्योगिक और सेवा आधारित विकास के जरिए आठ प्रतिशत से अधिक की जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा, हम सहकारी संघवाद और आपसी सहयोग के माध्यम से 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए पंजाब के समर्पण की पुष्टि करते हैं।
उन्होंने अनुच्छेद 293 के तहत उधार सीमा में एकतरफा कटौती का विरोध किया और कहा कि केंद्र के विभाज्य पूल में उपकर, अधिभार और चुनिंदा गैर-कर राजस्व को शामिल करना चाहिए। सीमावर्ती जिलों के लिए एक विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से निकटता के कारण इन जिलों में उद्योग नहीं हैं। मान ने उद्योगों के लिए जम्मू-कश्मीर को दिए जा रहे प्रोत्साहनों के समान पैकेज देने की मांग की। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour