Water sharing dispute Case : पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे जल बंटवारे के विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पड़ोसी राज्य को और पानी नहीं देगी। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। मान ने बृहस्पतिवार को रूपनगर जिले में नांगल बांध का दौरा किया, जहां राज्य सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आप के कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया।
बैंस ने दावा किया कि उन्होंने नांगल बांध पर उस कमरे को बंद कर दिया, जहां से पानी की आपूर्ति नियंत्रित होती है। पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया क्योंकि आप सरकार ने अपने भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया।
यह मामला तब और बढ़ गया जब बुधवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने यहां आयोजित एक बैठक के दौरान हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया। हरियाणा को पानी छोड़ने का फैसला बीबीएमबी के कदम पर पंजाब सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद लिया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों में जल स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम है। मान ने बुधवार को हुई बीबीएमबी की बैठक का हवाला देते हुए भाजपा शासित हरियाणा और राजस्थान पर गुंडागर्दी व तानाशाही करने के अलावा हरियाणा को अधिक पानी देने के निर्णय पर पहुंचने के लिए मिलीभगत करने का आरोप लगाया।
मान ने कहा, वे (हरियाणा और राजस्थान) पंजाब को दरकिनार करके पानी कैसे ले सकते हैं? हमने (उस फैसले पर) हस्ताक्षर नहीं किए। मान ने यह भी दावा किया कि हरियाणा के अधिकारियों ने पहले ही स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने मार्च तक राज्य के हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है। मान ने कहा, पानी की एक बूंद भी नहीं दी जाएगी। हमारे पास पानी नहीं है। हमसे पानी की उम्मीद मत करो।
(भाषा) Edited By : Chetan Gour