कैप्टन ने बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह से भी राजधानी दिल्ली में करीब 50 मिनट तक मुलाकात की थी। हालांकि डोभाल से मुलाकात को लेकर कैप्टन ने स्पष्टीकरण भी दिया है कि पंजाब की सुरक्षा को लेकर उन्होंने एनएसए से बातचीत की थी। लेकिन, मुख्यमंत्री न रहते हुए भी डोभाल से यूं मिलना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
माना तो यह भी जा रहा है कि सिद्धू के खिलाफ कैप्टन किसी भी हद तक जा सकते हैं, क्योंकि जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, वे खुद को काफी अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह वे सिद्धू को ही मानते हैं।
ऐसे में डोभाल से उनकी मुलाकात को सामान्य मुलाकात नहीं माना जा रहा है। चूंकि इस पूरे प्रकरण से पहले अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे और शायद उनके पास कोई ऐसा 'क्लू' हो, जिससे सिद्धू को उलझाया जा सकता हो। पाकिस्तान के जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने की तो वे सार्वजनिक रूप से कई बार आलोचना कर चुके हैं।
हालांकि ये अटकलें हो सकती हैं, लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि सिद्धू पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। ...और विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा कोई भी ऐसा मौका नहीं चूकेगी, जिससे कांग्रेस को हाशिए पर डाला जाए।