भारत की इस ‘शख्‍स‍ियत’ के नाम पर रखा इजरायल ने अपने शहर की एक ‘सड़क का नाम’

भारत में महान हस्‍ति‍यों के नाम पर सड़क का नाम रखना बेहद आम है, लेक‍िन भारत की क‍िसी शख्‍स‍ियत के नाम पर व‍िदेश में कोई ऐसा करे तो ये हमारे ल‍िए हैरान करने के साथ ही गर्व की ही बात भी है।

दरअसल, इजरायल ने अपने एक शहर की सड़क का नाम भारत के रव‍ींद्रनाथ टैगोर के नाम रखा है। उनकी जयंती पर  इजरायल ने उन्‍हें यह सम्‍मान द‍िया है।

भारत में मौजूद इजरायली दूतावास ने टैगोर की जयंती पर इसकी पुष्टि भी की है।

रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर इजरायल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने शहर तेल अवीव की एक सड़क का नाम रवींद्रनाथ टैगोर रख द‍िया है। सड़क पर इसकी होर्डिंग भी लगा दी गई है। जिसमें टैगोर का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में दर्ज क‍िया गया है।

भारत में मौजूद इजरायली दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है, उन्‍होंने लि‍खा है-

'हम रवींद्रनाथ टैगोर को आज और हमेशा सम्मान देते हैं। मानव समुदाय के जीवन में उनके अनमोल योगदान की याद में हमने तेल अवीव में एक स्ट्रीट का नाम उन पर रखा है।'

नोबेल प्राइज के ट्विटर हैंडल से भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है। इस ट्वि‍टर हैंडल से 7 मई को ल‍िखा गया है-

'हम महान शख्सियत रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती का जश्न मना रहे हैं, जिनका जन्म आज के दिन 1861 में भारत के कोलकाता में हुआ था। वह पहले गैर-यूरोपीय साहित्यकार थे जिन्हें नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया था।'

बता दें क‍ि रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। टैगोर को एक कवि, लघु कथा लेखक, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंध लेखक और चित्रकार के तौर पर इतिहास में एक युग पुरूष का दर्जा हासिल है।

उन्हें भारतीय संस्कृति को पश्चिमी दुनिया से परिचित कराने का गौरव हास‍िल है। वे 20वीं सदी के शुरूआती बरसों के भारत के सबसे प्रभावी व्यक्तित्व में शाम‍िल हैं। 1913 में उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया और वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले गैर यूरोपीय थे। उनकी कृत‍ि ग‍ीताजंल‍ि बेहद प्रस‍िद्ध रचना है। इसके अलावा भी टैगोर का साह‍ित्‍य और खासतौर से बांग्‍ला साह‍ित्‍य में बहुत बड़ा योगदान है।

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