अंबाला। भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को अंबाला वायुसैनिक अड्डे में विधिवत रूप से राफेल विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया। इस के साथ ये विमान वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन, 'गोल्डन एरो' का हिस्सा बन गए।
इस अवसर पर CDS जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
जानिए क्या है इस लड़ाकू विमान में खास: राफेल को ताकतवर बना रही है इसमें लगने वाली मिसाइलें, जिनकी अचूक और सैकड़ों किलोमीटर तक की मारक क्षमता दुश्मनों के खेमे में खलबली मचा देगी। राफेल विमान में मीटोर Air to Air मिसाइल से लैस होगा जिसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर है, यह सीमा पार किए बिना दुश्मन देश के विमान को तबाह कर सकता है, जबकि चीन और पाकिस्तान के पास यह क्षमता नहीं है।
मीटोर के अतिरिक्त दूसरा मिसाइल राफेल, स्काल्प होगा। स्काल्प की मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक की है। यह अपनी अचूक मारक क्षमता के लिए जाना जाता है। चीन के साथ विवाद के बीच भारत ने हैमर मिसाइल भी इमरजेंसी तौर पर राफेल के लिए खरीदने का फैसला किया है, जिसकी मारक क्षमता 60 किलोमीटर है।