इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शौर्य डोवाल का संस्थान 2014 से पहले तक महज एक ऐसा संगठन था केरल में कट्टरवादी इस्लाम और आदिवासियों के जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों पर कुछ ग्राफिक्स बनाता रहता था। वैसे तो यह संगठन 2009 से काम कर रहा था, लेकिन 2014 के बाद से इसकी गतिविधियों में तेजी आई और इसने जबरदस्त तरक्की की। यह तरक्की देखकर आश्चर्य होता है।