उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'अबकी बार, वसूली सरकार? अब से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जनता से 5 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा।'
राहुल गांधी ने कहा कि रोजमर्रा की खाने-पीने की चीजें महंगी हो गईं, गैस सिलेंडर 1053 रुपए का हो गया लेकिन सरकार कहती है 'सब चंगा सी'। मतलब, यह महंगाई जनता की समस्या है, सरकार की नहीं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि जब मोदी विपक्ष में थे, तब उन्होंने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन आज उन्होंने जनता को समस्याओं के गहरे दलदल में धकेल दिया है, जिसमें लोग रोज धंसते जा रहे हैं। उनकी इस बेबसी पर प्रधानमंत्री मौन हैं, खुश हैं और झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार द्वारा आप पर किए जा रहे हर अत्याचार के खिलाफ़ मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है। इस मुद्दे को हम सदन में ज़ोर-शोर से उठाएंगे। प्रधानमंत्री चाहे जितने शब्दों को 'असंसदीय' बता कर हमें चुप कराने की कोशिश कर लें, जवाब तो उन्हें देना ही पड़ेगा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि रुपया पहुंचा 80 पार, गैस वाला मांगे रुपए हजार, जून में 1.3 करोड़ बेरोजगार, अनाज पर भी GST का भार, जनता के मुद्दे उठाने से हमें कोई रोक नहीं सकता, सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। संसद में चर्चा और सवालों से भागना सबसे 'असंसदीय' है, प्रधानमंत्री जी।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।