अनुबंध के अनुसार ठेकेदारों के कामकाज के आधार पर उनको यात्रियों से मिले स्कोर के मुताबिक उनकी 30 फीसदी जुर्माना या प्रोत्साहन राशि तय होगी। यात्री सफाई के स्तर को देखते हुए स्कोर देंगे। जुर्माने या प्रोत्साहन राशि के लिए इसके बाद का आधार सफाईकर्मियों की उपस्थिति, खाद्य वस्तुएं, रखरखाव और सेवा जैसे मानक होंगे जिन पर रेलवे के कर्मचारी निगरानी रखेंगे।
नए नियम के अनुसार सफाईकर्मियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड प्रत्येक महीने रेलवे सुपरवाइजर को सौंपना होगा जिसके आधार पर 25 फीसदी वेटेज तय किए जाएंगे, वहीं सफाई के रिकॉर्ड से 15 फीसदी वेटेज मिलेगा और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, चादर एवं कंबल वितरण और अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण के आधार पर प्रत्येक में 10 फीसदी वेटेज मिलेंगे। रेलयात्रियों के फीडबैक से 30 फीसदी वेटेज मिलेगा।
रेलवे ने बताया कि प्रत्येक वर्ग के स्कोर को जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर अंतिम स्कोर तैयार कर ठेकेदारों को दिया जाएगा। इसी स्कोर के आधार पर ठेकेदार का जुर्माना और प्रोत्साहन राशि तय की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सफाई के मानक सीधे यात्रियों के अनुभव को प्रभावित करते हैं इसलिए इस प्रक्रिया में यात्रियों का फीडबैक शामिल करना अनिवार्य था।