रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने यहां विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे 2019 तक अपने करीब 50-55 हजार कोचों को बायोटॉयलेट युक्त बना देगा जिनमें 1700-1800 कोचों में बायोटॉयलेट रेट्रोफिट किए जाएंगे। इस प्रकार से रेलवे अपने सभी ट्रैकों को शौचमुक्त बना देगी।
मित्तल ने कहा कि पर्यावरण रक्षा में जल संरक्षण का महत्व होता है। रेलवे ने 30 स्थानों पर जल पुनर्चक्रण संयंत्र लगाए हैं जिनकी कुल क्षमता 1.2 करोड़ लीटर की है। 32 अन्य जगहों पर भी ऐसे संयंत्र लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन से पांच साल में करीब 20 करोड़ लीटर जल के पुनर्चक्रण की क्षमता हो जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 1900 जगहों पर वर्षाजल संग्रहण प्रणाली लगाई जाएगी। (वार्ता)