शेख हसीना के ऑनलाइन भाषण के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़की, मैं अभी इसलिए जिंदा हूं...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025 (15:09 IST)
Violence in Bangladesh after Sheikh Hasina speech: बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार देर रात पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कई नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की और देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के भित्ती चित्रों को विरूपित कर दिया। इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित आवास में तोड़फोड़ और आगजनी की थी। तोड़फोड़ और आगजनी उस समय की गई थी, जब मुजीब की बेटी और बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना लोगों को ऑनलाइन संबोधित कर रही थीं।
 
सोशल मीडिया पर 'बुलडोजर जुलूस' के आह्वान के बाद राजधानी ढाका के धानमंडी इलाके में बुधवार को हजारों लोग मुजीबुर रहमान के आवास के बाहर इकट्ठे हो गए। उन्होंने भवन में तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद, बुल्डोजर से भवन को गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई, जो बृहस्पतिवार सुबह तक जारी थी। मुजीब के धानमंडी स्थित आवास को एक स्मारक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया था। ALSO READ: यति नरसिंहानंद ने पीएम मोदी को खून से लिखा पत्र, बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की मांग
 
हसीना के चचेरे भाइयों का घर हमला : ‘द डेली स्टार’ अखबार की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने बुधवार रात धानमंडी में रोड 5 स्थित हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ में भी आग लगा दी। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद हसीना के पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद से यह घर खाली पड़ा था। खबर के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने खुलना में हसीना के चचेरे भाई शेख हलालउद्दीन और शेख सलाउद्दीन ज्वेल के घरों में भी तोड़फोड़ की। इस दौरान, उन्होंने 'दिल्ली या ढाका-ढाका, ढाका' और 'मुजीबवाद मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाए। शेख हलाल बागेरहाट-1 से, जबकि शेख सलाहुद्दीन ज्वेल खुलना-2 से सांसद रह चुके हैं। ALSO READ: भारत-बांग्लादेश सीमा पर क्यों हुई हिंसक झड़प, BSF ने क्या कहा
 
शेख मुजीब का नाम हटाया : खुलना मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त अहसान हबीब ने कहा कि मैंने फेसबुक पर इस घटना से जुड़ी खबर देखी है, लेकिन मेरे पास अधिक जानकारी नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने ढाका विश्वविद्यालय के ‘बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान हॉल' से रहमान का नाम हटा दिया। कुश्तिया में पूर्व सांसद और अवामी लीग के संयुक्त महासचिव महबूबुल आलम हनीफ और अवामी लीग के अध्यक्ष सदर खान के घरों में तोड़फोड़ की गई। चटगांव में प्रदर्शनकारियों ने हसीना के संबोधन के खिलाफ मशाल जुलूस निकाला। उन्होंने चटगांव मेडिकल कॉलेज और शहर के जमाल खान इलाके में शेख मुजीबुर रहमान के भित्ती चित्रों को विरूपित किया। ALSO READ: कौन है सैफ अली खान का हमलावर मोहम्मद शहजाद, क्या है उसका बांग्लादेश कनेक्शन?
 
शेख मुजीब के भित्तिचित्र तोड़े : सिलहट के बंदर बाजार में ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ से जुड़े छात्रों ने हसीना के संबोधन के खिलाफ रैली निकाली और धरना दिया। रंगपुर में प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को बेगम रुकैया विश्वविद्यालय में मुजीबुर रहमान के भित्तिचित्र को विरूपित किया। ‘प्रोथोम अलो’ अखबार की खबर के मुताबिक, मैमनसिंह में बुधवार देत रात करीब 11.30 बजे प्रदर्शनकारियों ने सर्किट हाउस मैदान के पास ‘बंगबंधु’ मुजीबुर रहमान के एक भित्तिचित्र को हथौड़ों से क्षतिग्रस्त कर दिया। खबर के अनुसार, चुड़ांग के उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान और उनकी पत्नी फजीलातुन्नेसा मुजीब के भित्तीचित्रों को नष्ट कर दिया। वहीं, किशोरगंज के भैरब में अवामी लीग के उपजिला कार्यालय और उपजिला परिषद में मुजीबुर रहमान के भित्तीचित्र को नुकसान पहुंचाया गया।
 
क्या बोली थीं शेख हसीना : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने ऑनलाइन संबोधन में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि इन हमलों से अल्लाह ने मुझे अभी तक जीवित रखा हुआ है। इसका अर्थ केवल इतना है कि कुछ काम अभी भी बाकी है। अन्यथा मैं बच नहीं पाती। उन्होंने कट्टरपंथियों को चेतावनी दी कि इतिहास बदला जरूर लेगा।

बंगबंधु और हसीना के पिता शेख मुजीब के घर जलाने को लेकर उन्होंने कहा कि आखिर एक घर से इतना डर कैसा? क्या मैंने इस देश के लिए कुछ भी नहीं किया? जो इस तरह से अपमान किया जा रहा है। एक ढांचे को नष्ट किया जा रहा है, लेकिन इतिहास को कभी भी मिटाया नहीं जा सकता। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2024 को कथित भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था। इसके बाद उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी