उन्होंने कहा कि म्यांमार से भारत में घुस आए रोहिंग्या लोग शरणार्थी नहीं है, इस सच्चाई को समझना चाहिए। वापस नहीं भेजने का नियम उन लोगों पर लागू होता है जिन्होंने भारत में शरण ली हो। किसी भी रोहिंग्या ने अभी तक भारत में शरण के लिए आवेदन नहीं किया है।
सिंह ने कहा कि आज जो लोग मानवाधिकार की बात करते हैं, वो पशु अधिकार की बात करते हैं, भारत युगों-युगों से इन अधिकारों की बात करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मानवाधिकार शांति और कल्याण से निकले है, जबकि पश्चिम में संघर्ष से निकले हैं। (एजेंसियां)