नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में शुक्रवार को चर्चा के दौरान उस समय पूरे सदन में हंसी की लहर दौड़ गई, जब अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने टिप्पणी की कि क्या आप गृहमंत्री राजनाथ सिंह को विवाह का विशेषज्ञ मानते हैं?
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जब चर्चा में हस्तक्षेप किया तो उन्होंने थरूर की इस टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि वे न तो स्वाभाविक विवाह और न ही अस्वाभाविक विवाह को परिभाषित कर सकते हैं। राज्य में भाजपा और पीडीपी के मिलकर सरकार बनाने के संदर्भ में थरूर के बयान पर उन्होंने कहा कि आप इसे अस्वाभाविक विवाह कहिए या क्या कुछ भी कहिए। जिसे नैचुरल मैरिज कहा जाता है, वह भी कब टूट जाए, उसका पता नहीं।
इसके बाद भाजपा सदस्यों की हंसी पर नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि शर्म आनी चाहिए। इसका भाजपा सदस्यों ने विरोध किया। लेकिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी पार्टी के सदस्यों को टोकते हुए कहा कि वे (फारुक) सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं, अगर उन्होंने कुछ कहा है, तब इस पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। इस पर फारुक अब्दुल्ला ने 'धन्यवाद' कहा।