उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ समय शेष रह गया है, ऐसे में जहां विपक्ष सत्तारूढ़ पार्टी को चुनावी चक्रव्यूह में घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं किसान लगभग 11 माह से कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चुनाव को लेकर अपने ही अंदाज़ में बयान दिया।
मेरठ के जंगेठी गांव में राकेश टिकैत बोले कि आजकल बुआई का टाइम चल रहा है, जो जैसा बोएगा वैसी फसल काट लेगा। यह उन्होंने चुनाव को लेकर कहा है।टिकैत मीडिया के प्रश्न के जवाब में बोले कि प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी जनवरी माह में फसल के दाम दोगुने करने का आश्वासन दिया है, यदि फसल के दाम बढ़ते हैं तो लोग सरकार को वोट दे देंगे, यदि फसल के दाम नहीं बढ़े तो वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ये पंचायती फैसला होगा कि जनता अपने आप टाइम पर फैसला कर लेगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकारी गुंडागर्दी चल रही है, इसका प्रमाण हाल में हुए जिला पंचायत चुनाव हैं, जब लोगों ने बीजेपी को वोट दिए नहीं और फिर भी वे जीत गए। सबकी समझ में सब कुछ आता है। महंगाई पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जितना प्रचार पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें कम होने पर किया जा रहा है उतना प्रचार कीमतें बढ़ने पर नहीं हुआ। यदि 40 रुपए पेट्रोलियम पदार्थ पर बढ़ा दिए जाएं और फिर 5 रुपए घटा दिए गए, लेकिन बढ़े हुए 35 रुपए का जिक्र आज भी कहीं नहीं हो रहा है।
महंगाई चरम पर है, आम व्यक्ति परेशान है और ऐसे में गैस सिलेंडर के दाम तीन गुना हो गया है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में सबका जवाब जनता देगी। दीपावली के पटाखे चलाने पर बैन था, सिर्फ ग्रीन पटाखे जो पर्यावरण के लिए खतरा नहीं थे, उनको चलाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन दीप पर्व पर कानफोडू और पर्यावरण प्रदूषित करने वाले पटाखे जमकर चले। इस पर राकेश टिकैत ने बयान दिया और कहा कि अगर पटाखे बंद हैं तो पटाखे बेचने का लाइसेंस क्यों दिया गया?
राकेश टिकैत ने अपना चुनावी पासा बुआई और कटाई का बयान देकर फेंक दिया है, अब आने वाले समय में सरकार इसे किस तरह कैश करेंगी, ये तो आने वाला समय ही बताएगा।