भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले 70 सालों से अनुच्छेद 370 के खिलाफ आंदोलन चला रही थी और इसे आखिरकार 48 घंटे में हटा दिया, क्योंकि इसके हटने के बाद ही जम्मू और कश्मीर का भारत के साथ एकीकरण का एजेंडा पूरा हो सकता था।
खबरों के मुताबिक, राम माधव ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला पार्टी की विचारधारा का हिस्सा था। जिसे कि एक साहसी नेतृत्व के तहत हासिल कर लिया गया है। 31 अक्टूबर के बाद जम्मू-कश्मीर कुछ समय के लिए विधायिका के साथ एक केंद्रशासित प्रदेश रहेगा। जैसा कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में स्पष्ट किया था कि जैसे ही परिस्थितियां सामान्य होती हैं इसे संपूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।
राम माधव ने कहा, जम्मू-कश्मीर में ऐसे समूह हैं जो बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं। हमें कश्मीरी पंडितों के बारे में पता है, उन्हें मजबूरन अपने ही देश में रिफ्यूजी की तरह रहना पड़ रहा है। उनके अधिकारों की पुनर्व्यवस्था की जाएगी। पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी भी यहां हैं, उनके अधिकार भी उन्हें वापस दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि घाटी में ईद और स्वतंत्रता दिवस का समारोह पूरे उत्साह के साथ मनाया गया, जो दर्शाता है कि लोग खुश हैं और शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले का स्वागत किया है।