उन्होंने कहा कि आतंकवाद की पहली वजह कुछ राजनीतिक दलों की राजनीति है, जो अपने हित के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद का समर्थन करते हैं। हुर्रियत कांफ्रेस और जमात के इस्लामी जैसे संगठनों की मरम्मत किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जो राजनेता अलगाववाद, आतंकवाद का समर्थन करते हैं, अपने ही बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजते हैं, लेकिन यहां मासूम बच्चों को आतंक का शिकार बनाते हैं। सरकार ने इस प्रकार की राजनीति करने वाले नेताओं पर लगाम कसने का काम कर रही है।