कोविंद ने कहा कि जिन देशों में पर्यटन ही मुख्य व्यवसाय है, उन देशों का प्रत्येक व्यक्ति पर्यटकों की प्रसन्नता के लिए सक्रिय रहता है। पर्यटन के प्रति जागरूकता में सरकार का काम दिशा देना और समुचित वातावरण प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार ने 'अतुल्य भारत' के माध्यम से स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को स्थानीय लोगों के साथ रहने का अनुभव प्रदान करने की पहल की है। इससे पर्यटकों को आत्मीय अनुभव मिलता है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय बंधुत्व का माहौल बनता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने पिछले 3 वर्षों के दौरान 100 से अधिक देशों के पर्यटकों को आगमन पर वीजा सुविधा प्रदान की है, जो पहले गिने-चुने देशों के पर्यटकों को मिलता था। इससे पहल से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
कोविंद ने कहा कि हमारे देश में प्रकृति के वरदान, सांस्कृतिक विरासत और लोगों की प्रतिभा के बल पर मेडिकल पर्यटन, धरोहर पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, रोमांचकारी गतिविधि पर्यटन, खेल पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षमता के विकास के संबंध में कुछ प्रशंसनीय प्रयास किए जा रहे हैं। (भाषा)