मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा। यह केंद्रीय बजट में सरकार के 11 प्रतिशत के अनुमान से कुछ कम है। हालांकि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अब आर्थिक वृद्धि दर के सिर्फ ऊपर जाने की ही संभावनाएं हैं।
दास ने द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद कहा, आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था सिर्फ एक दिशा में बढ़ने के लिए तैयार है और वह दिशा ऊपर की ओर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, बुनियादी संरचना, नवोन्मेष और शोध समेत अन्य क्षेत्रों के पुनरुद्धार के लिए बजट में ठोस उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन उपायों का आने वाले समय में बहुगुणक प्रभाव देखने को मिलेगा, खास तौर पर निवेश के माहौल में सुधार होगा, घरेलू मांग में तेजी आएगी और आय व रोजगार भी बेहतर होगा। दास ने कहा कि टीकाकरण अभियान से भी आर्थिक पुनरुद्धार को गति मिलेगी। यह संपर्क पर आधारित क्षेत्रों को उबरने में मदद करेगा और वैश्विक बाजार में भारतीय दवा कंपनियों को बढ़त मिलेगी।
उन्होंने कहा, यह हमारी ठोस अवधारणा है कि 2021-22 में हम कोरोनावायरस महामारी से अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार को भरने में कामयाब होंगे। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पहली छमाही में वृद्धि दर 26.2 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है तथा तीसरी तिमाही यानी दिसंबर 2021 तिमाही में यह छह प्रतिशत रह सकती है।