Reliance को हिस्सेदारी के बदले Silver Lake से मिले 7500 करोड़ रुपए
शनिवार, 26 सितम्बर 2020 (17:08 IST)
नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की खुदरा इकाई में अमेरिका की निजी इक्विटी कंपनी सिल्वर लेक पार्टनर्स ने 1.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नौ सितंबर को इस सौदे की घोषणा की थी। कंपनी ने तब कहा था कि सिल्वर लेक उसकी इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में 7,500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
आरआईएल ने शनिवार को शेयर बाजारों को बताया कि आरआरवीएल को एसएलपी रेनबो होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (सिल्वर लेक) से 7,500 करोड़ रुपए की राशि मिली है।शेयर के आवंटन के बाद एसएलपी रेनबो होल्डिंग्स के पास आरआरवीएल की 1.75 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है।
इस सौदे में आरआरवीएल का मूल्यांकन 4.21 लाख करोड़ रुपए का किया गया। यह रिलांयस इंडस्ट्रीज की किसी इकाई में सिल्वर लेक का इसी साल में अरबों डॉलर का दूसरा निवेश है। इससे पहले सिल्वर लेक ने जिओ प्लेटफॉर्म्स में 1.35 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की थी।
सिल्वर लेक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश करने वाली अग्रणी वैश्विक कंपनी है। सिल्वर लेक के पास प्रबंधित संपत्तियों तथा प्रतिबद्ध पूंजी मिलाकर 60 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी है। सिल्वर लेक के पास पहले से ही एयरबीएनबी, अलीबाबा, अल्फाबेट की वेरीली और वायमो इकाइयां, डेल टेक्नोलॉजीज, ट्विटर तथा कई अन्य वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने खुदरा कारोबार को बढ़ावा देने के लिए पिछले महीने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा और लॉजिस्टिक व्यवसायों का 24,713 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था।
जिओ प्लेटफॉर्म्स में 9.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी के बदले फेसबुक के द्वारा 43,573.62 करोड़ रुपए का निवेश करने के बाद सिल्वर लेक उसमें (जिओ प्लेटफॉर्म्स में) पैसा लगाने वाली अमेरिका की पहली निजी इक्विटी कंपनी रही है। सिल्वर लेक ने दो किश्तों में जिओ प्लेटफॉर्म्स में कुल 10,202.55 करोड़ रुपए में 2.08 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद की है।
इसके बाद प्रतिद्वंद्वी निजी इक्विटी कंपनियां केकेआर, विस्टा और जनरल अटलांटिक ने भी जिओ की हिस्सेदारी खरीदने के मामले में सिल्वर लेक का अनुसरण किया। जिओ के अन्य उल्लेखनीय निवेशकों में गूगल और अबूधाबी के संप्रभु धन कोष मुबाडाला भी शामिल हैं।(भाषा)