न्यायालय ने मौर्य की याचिका पर नोटिस भी जारी किया और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। सपा नेता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की अदालत में लंबित कार्यवाही को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के कुछ दिन बाद शीर्ष अदालत का यह निर्देश आया है। मौर्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष एक याचिका में, अपने खिलाफ दाखिल आरोपपत्र और निचली अदालत द्वारा मामले में पेश होने का निर्देश देते हुए जारी समन को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका : उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर 2023 को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। मौर्य और 4 अन्य के खिलाफ पिछले साल प्रतापगढ़ जिले में एक स्थानीय निवासी संतोष कुमार मिश्रा की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मौर्य का दावा है कि इस आरोप का समर्थन करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि उन्होंने हिंदू धर्म ग्रंथ का अपमान किया है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala