उन्होंने कहा कि मैं पांच बार की सांसद हूं और प्रधानमंत्री मुझे नकारात्मक पात्र के समानांतर बताते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि आज महिलाएं बदल गई हैं और उन्हें मालूम है कि अपने लिए कैसे बोलें। यह महिलाओं के प्रति उनकी मानसिकता दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यदि आप सही हैं तो यह सर्वत्र झलकता है। अब यही हो रहा है...कैसे और कब का कोई नियम नहीं है। आप हंसे.... और हंसी पर कोई जीएसटी नहीं है। पांच बार सासंद बनने क बाद हंसने के लिए मुझे किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है। रेणुका ने कहा कि मेरे पिता ने मुझे लड़का या लड़की के रूप में नहीं बल्कि इस देश के नागरिक के रूप में मेरी परवरिश की। (भाषा)