नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वैभव गायकवाड़ ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और रैट मानइनर्स (हाथ पर्वतीय क्षेत्र में खुदाई में महारत रखने वाले विशेषज्ञ व्यक्तियों) सहित 20 सदस्यों की एक टीम (सुरंग) के अंतिम बिंदुओं तक पहुंचने में सक्षम रही। वहां बहुत मलबा था। वहां कैसे पहुंचा जाए, इस पर वे काम कर रहे हैं।
सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई और अन्य एजेंसियों के शीर्ष विशेषज्ञ एसएलबीसी सुरंग के निर्माणाधीन खंड के ढहे हुए हिस्से में गाद और पानी के निरंतर प्रवाह के बीच जान के जोखिम के बावजूद लगातार बचाव कार्य में जुटे हैं। बुधवार को बचाव कार्य जारी रहने की संभावना है।
मंत्री ने कहा था कि फंसे हुए व्यक्तियों के साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया है, हालांकि पंप की मदद से सुरंग में ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति की जा रही है। एसएलबीसी सुरंग के एक निर्माणाधीण खंड का हिस्सा 22 फरवरी को ढह जाने के बाद परियोजना पर काम करने वाले 8 कर्मी सुरंग में फंस गए।(भाषा)