पंचतत्व में विलीन हुए ऋषि कपूर, रणबीर-आलिया सहित 24 लोगों ने दी अंतिम विदाई

गुरुवार, 30 अप्रैल 2020 (21:31 IST)
मुंबई। हिन्दी फिल्मों में रोमांस की नई परिभाषा गढ़ने और करीब 3 दशक तक बॉलीवुड के रोमांस किंग बनकर हसीनाओं के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता ऋषि कपूर को आज अंतिम विदाई दी गई।
 
पिछले दो साल से ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) को हराने में जुटे 67 वर्षीय अभिनेता अंतत: यह जंग हार गए और गुरुवार सुबह हमें छोड़कर कर चले गए।
 
बॉलीवुड के सबसे पुराने परिवार ‘कपूर खानदान’ की तीसरी पीढ़ी के इस अभिनेता ने सिर्फ रोमांस ही नहीं किया है, उन्होंने बाद के दिनों में बेहद संजीदा और उम्दा भूमिकाएं भी निभाईं।
 
उनके भाई एवं अभिनेता रणधीर कपूर ने आज सुबह पीटीआई से कहा था कि वे नहीं रहे। उनका निधन हो गया है। ऋषि कपूर के परिवार में पत्नी नीतू कपूर, बेटा रणबीर कपूर और बेटी रिद्धिमा हैं।

दक्षिणी मुम्बई के चंदनवाड़ी शवदाह गृह में आज शाम कपूर के अंतिम संस्कार से पहले रणधीर ने कहा कि हम उसका (रिद्धिमा के लौटने का) इंतजार नहीं कर रहे हैं। उन्हें विमान से आने की अनुमति नहीं मिली है, वे यहां नहीं आ सकेंगी (अंतिम संस्कार के लिए)। रिद्धिमा ने फोन पर पीटीआई से कहा कि उन्हें सड़क मार्ग से मुंबई जाने की अनुमति मिल गई है और वे कार से लौटेंगी। 
अंतिम संस्कार के समय पत्नी नीतू सिंह, बेटे रणबीर, ऋषि के बड़े भाई रणधीर, भतीजी करीना कपूर खान, उनके पति सैफ अली खान, अभिनेता अभिषेक बच्चन, आलिया भट्ट और अनिल अंबानी मौजूद थे। 
लॉकडाउन के कारण 24 लोगों को अनुमति दी गई। इनमें परिवार के कुछ सदस्य और दोस्त ही शामिल थे। शवदाह गृह पहुंचे इन सभी लोगों ने मास्क और दस्ताने पहन रखे थे।
 
करीब दो साल से ल्यूकेमिया से जंग लड़ रहे कपूर को तबीयत बिगड़ने के बाद बुधवार को एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह पौने नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
 
कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण अभिनेता का पार्थिव शरीर कड़ी सुरक्षा के साथ करीब पौने चार बजे अस्पताल से सीधे शवदाह गृह ले जाया गया।
 
फिल्म ‘डी-डे’ के उनके सह-कलाकार इरफान खान के निधन के एक दिन बाद ही उनके निधन की खबर आई है। खान का भी कल मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया, उन्हें भी कैंसर था। करीब तीन महीने पहले ऋषि की बहन रितू नंदा का भी कैंसर के कारण निधन हो गया था।
 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक नेताओं, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा कि ऋषि कपूर के असामयिक निधन से गहरा दुःख हुआ है। 
 
उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि उनके सदाबहार और प्रसन्नचित्त व्यक्तित्व तथा ऊर्जा के कारण यह विश्वास करना मुश्किल है कि वे नहीं रहे। उनका निधन सिने जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार, शुभचिंतकों और प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। 
 
नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा कि हिन्दी सिनेमा के प्रख्यात कलाकार और वरिष्ठ अभिनेता ऋषि कपूर के असामयिक निधन के दुखद समाचार से स्तब्ध हूं। उन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय प्रतिभा से भारतीय दर्शकों को दशकों तक मंत्रमुग्ध रखा और उन चरित्रों को हमारी स्मृति में अमर कर दिया।
 
नायडू ने ट्वीट कर कहा कि वे एक करिश्माई अभिनेता थे जिन्हें कई पीढ़ियों का स्नेह प्राप्त था। सच्चे कलाकार अपने कृतित्व के माध्यम से, अपने प्रशसंकों के मन मस्तिष्क में सदैव अमर रहते हैं। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि बहुआयामी, प्रिय और जीवंत...ये ऋषि कपूरजी थे। वे प्रतिभा का पावरहाउस थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को याद रखूंगा, उसे भी जो सोशल मीडिया पर भी हुईं। 
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कपूर के निधन पर दु:ख जताते हुए ट्वीट किया कि यह भारतीय सिनेमा के लिए दुखद सप्ताह रहा है। एक और बड़े अभिनेता ऋषि कपूर का निधन हो गया। वे एक शानदार अभिनेता थे जिनकी हर पीढ़ी के लोगों में लोकप्रियता थी। उनकी कमी बहुत महसूस की जाएगी। उन्होंने कहा कि दु:ख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ मेरी संवेदना है। 
 
परिवार ने ऋषि के निधन के बाद एक बयान जारी कर कहा कि दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग लड़ने के बाद हमारे प्यारे ऋषि आज सुबह पौने नौ बजे इस दुनिया को अलविदा कह गए। डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मियों का कहना है कि वे आखिरी सांस तक सभी को हंसाते रहे। 
 
उन्होंने कहा कि दो महाद्वीपों में दो साल तक इलाज के दौरान वे जीने के लिए दृढ़ और लगातार खुश रहे। उनका ध्यान हमेशा परिवार, दोस्त, भोजन और फिल्मों पर केन्द्रित रहा और इस दौरान जो भी उनसे मिला वह हैरान रहा कि कैसे इस बीमारी को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया। 
 
परिवार ने दु:ख की इस घड़ी में लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के प्रतिबंधों का सम्मान करने की अपील की। अमेरिका में करीब एक साल तक कैंसर का इलाज कराने के बाद वे पिछले साल सितम्बर में भारत लौटे थे।
फरवरी में भी तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहली बार दिल्ली में एक पारिवारिक समारोह में हिस्सा लेने गए ऋषि को संक्रमण के कारण वहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद मुंबई लौटने के बाद उन्हें बुखार होने के बाद अस्पताल मे भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें जल्दी ही अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई थी।
 
ऋषि ने अपने पिता राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ से बतौर बाल कलाकर बड़े पर्दे पर अपनी फिल्मी पारी का आगाज किया था। इसके बाद वे फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में नजर आए। बतौर मुख्य अभिनेता 1973 में आई ‘बॉबी’ उनकी पहली फिल्म थी, जो एक बड़ी हिट थी।

इसके बाद करीब तीन दशक तक उन्होंने कई रोमांटिक फिल्में की। ‘लैला मजनू’, ‘रफू चक्कर’, ‘कर्ज’, ‘चांदनी’, ‘हिना’, ‘सागर’ जैसी कई फिल्मों में उनके अभिनय को सराहा गया।
 
अभिनेता के तौर पर अपनी दूसरी पारी को लेकर वे काफी संतुष्ट थे। इस दौरान वे अपनी पत्नी के साथ ‘दो दूनी चार’ में नजर आए। वहीं ‘अग्निपथ’, ‘कपूर एंड सन्स’, ‘102 नॉट आउट’ में अभिनय से उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि बतौर कलाकार अभी वे सिनेमा जगत को और कितना योगदान दे सकते हैं। 
 
पिछले साल पीटीआई के साथ साक्षात्कार में ऋषि ने कहा था कि जो बदलाव अब आए हैं, वो तब नहीं थे, जब मैं स्टार हुआ करता था। बुरी बात यह है कि उस दौर में अभिनेता अपनी छवि से बंधे होते थे, एक्शन हीरो, रोमाटिक हीरो, डांसिंग हीरो। 25 साल, मेरे पूरे करियर में, मुझे रोमांटिक हीरो का किरदार दिया गया। 
 
उन्हें अंतत: अपनी दूसरी पारी में वैसी भूमिकाएं मिलने लगी थीं, जो वो करना चाहते थे। ऋषि ने तो हॉलीवुड फिल्म ‘द इंटर्न’ के रीमेक के लिए दीपिका पदुकोण के साथ फिल्म भी साइन कर ली थी।
 
ऋषि के करीबी दोस्त और उनके साथ शुरुआत से आखिर तक कई फिल्मों में काम करने वाले अमिताभ बच्चन ने सुबह-सुबह उनके जाने की खबर ट्वीट की थी, लेकिन उसे फिर डिलिट कर दिया था। अमिताभ और ऋषि 'अमर अकबर एंथनी', 'नसीब', कुली, 'अजूबा' में साथ नजर आए। दोनों आखिरी बार 2018 में '102 नॉट आउट' में दिखे थे।
 
ऋषि के निधन पर लता मंगेशकर ने ट्वीट कया है- मुझे नहीं पता कि क्या कहना चाहिए? ऋषि जी के जाने की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। उनकी मृत्यु फिल्म उद्योग के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरे लिए इस दुख को सहना बहुत मुश्किल है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। (भाषा) 

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