'ऑर्गनाइजर' के अनुसार, साल 2015 के बाद से बीजेपी ने जमीनी स्तर पर खुद की ढांचागत व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कोई काम नहीं किया। चुनाव के आखिरी चरण में प्रचार-प्रसार को चरम पर ले जाने में भी पार्टी पूरी तरह से विफल रही, जिसके कारण पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान हुआ।
लेख में बताया गया है कि अरविंद केजरीवाल के भगवा अवतार को बीजेपी समझ ही नहीं पाई, जबकि पार्टी के नेताओं को इस ओर ध्यान देने की जरूरत थी। लेख के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि दिल्ली इकाई इस पूरे चुनाव में हर मुद्दे पर विफल रही।