यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत दौरे पर आए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार (Deputy NSA) दलीप सिंह ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि चीन ने कभी भारत में अतिक्रमण किया तो रूस उसके बचाव के लिए खड़ा नहीं होगा।
दरअसल अमेरिका का यह बयान यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत की तटस्थता के कारण उसकी तिलमिलाहट के तौर पर देखा जा सकता है। इसके अलावा भी यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ न जाने पर अमेरिका, यूके समेत कई पश्चिमी देश भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं।
बहरहाल भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे हैं। पिछले एक महीने में कई ऐसे मौके आए जब जयशंकर ने भारत का रुख रखने में कोई लाग-लपेट नहीं की और सख्त सवालों को लेकर भारतीय पक्ष को जस्टिफाई भी किया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में जिस तरह से जयशंकर भारत का पक्ष दमदारी से रख रहे हैं उससे दिल्ली के डिप्लोमेटीक गलियारों में जयशंकर का 'नो नॉनसेंस' एटिट्यूड हिट हो गया है और उनके स्टैंड की प्रशंसा अब विदेशी राजनियक भी कर रहे हैं।
हाल ही में रूस से सस्ते तेल खरीदने को लेकर चल रहे वार्तालाप में जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि रूस से तेल खरीदने के चलते भारत के खिलाफ अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोप अब भी रूसी तेल का प्रमुख खरीदार है और कीमतें बढ़ने पर देशों का 'अच्छे सौदे' ढूंढना स्वाभाविक है।
मैं श्योर हूं कि अगर हम 2-3 महीने रुककर देखेंगे कि रूसी तेल और गैस के बड़े खरीदार कौन हैं, तो मुझे लगता है कि लिस्ट पहले से ज्यादा अलग नहीं होगी। और मुझे लगता है कि हम उस लिस्ट के टॉप 10 में नहीं होंगे।
जयशंकर ने यह बात UK की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रूस की मौजूदगी में कही। वह जयशंकर की बात से सहमत नजर आईं। उन्होंने कहा, 'भारत एक संप्रभु देश है और मैं भारत को नहीं बताऊंगी कि उसे क्या करना है।'