याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन प्रबंधन को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता और वे खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के पीड़ित हैं। याचिका में कहा गया, ‘इस मौत से न सिर्फ बच्चे के माता-पिता और परिवार को गहरा दु:ख हुआ है बल्कि न्यासी, प्रबंधन, कर्मचारी और स्कूल के छात्र भी बेहद दुखी हैं।’