राजस्थान में सियासी ड्रामा अब अपने चरम पर पहुंच गया है। राज्य के डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की खुली बगावत के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उनको डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसके साथ पायलट समर्थक दो और मंत्रियों को भी उनके पद से हटा दिया गया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सचिन पायलट भाजपा के षड़यंत्र में फंसकर लंबे समय से गहलोत सरकार को गिराने की साजिश कर रहे थे। सुरजेवाला ने कहा कि किसी को भी पार्टी को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने खुद सचिन पायलट से आधा दर्जन से अधिक बार बात की है, सोनिया गांधी ने खुद आगे बढ़कर सचिन पायलट और कांग्रेस विधायकों से अपील की वह बातचीत से पूरे मामले को सुलझाए लेकिन सचिन पायलट आगे नहीं आए।
सुरेजवाला ने इस दौरान सचिन पायलट के उपर कांग्रेस पार्टी के एहसान को याद दिलाते हुए कहा कि पार्टी ने मात्र 26 साल की उम्र में ही सचिन पायलट को विधायक बनाने के साथ मात्र 40 साल की उम्र में राजस्थान का डिप्टी सीएम बना दिया लेकिन पायलट भाजपा से षड़यंत्र में फंस गए और एक चुनी हुई अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए। पिछले दिनों से बगावत की राह पर बढ़ने वाले सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को अल्पमत की सरकार ठहरा दिया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में जिस सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंका था, वह सचिन पायलट अब एक तरह से पार्टी से बाहर हो गए है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सचिन पायलट अब आगे क्या करेंगे। पूरे घटनाक्रम पर अब तक चुप्पी साधने वाले सचिन पायलट कब सामने आएंगे अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है। अपने खिलाफ कार्रवाई के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। ये ट्वीट साफ संकेत देता है कि अब सचिन पायलट अपने पत्ते खोल सकते है।
ब्लैकमेल कर रहे थे पायलट- इस बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार को बचाने की कोशिश में जी तोड़ से लगे है। विधायकों को एकजुट रखने के लिए जयपुर में लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक हुई जिसमें विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सर्मथन में नारेबाजी भी की। बैठक में मौजूद कांग्रेस विधायकों ने सचिन पायलट समेत उनके समर्थक तीन मंत्रियों को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की।
राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सरकार गिराने के खेल में शामिल थे और ब्लैकमेल कर रहे थे। अशोक गहलोत ने कहा कि आज की कार्रवाई से किसी को खुशी नहीं है क्योंकि मजबूरी में अपने सथियों के खिलाफ कदम उठाना पड़ा है।
भाजपा का पायलट को ऑफर - इस बीच भाजपा ने सचिन पायलट को पार्टी में आने का ऑफर दे दिया है। भाजपा नेता ओम माथुर ने कहा कि सचिन पायलट के पार्टी के दरवाजे खुले है और हम उनका स्वागत करते है। हलांकि इससे पहले मीडिया रिपोर्टस के हवाले से जो खबर आई थी उसमें सचिन पायलट ने भाजपा में जाने की खबरों को खारिज कर दिया था।