नई दिल्ली। देर से ऑफिस आने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है और इसे लेकर कड़ी कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया है। केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT)) ने देर से आने वालों पर नकेल कसते हुए अधिकतम 15 मिनट की देरी को माफ करने का फैसला किया है। विभाग द्वारा देशभर के कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस में आने और अपनी हाजिरी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।
अब फरमान के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम का उपयोग करने के लिए कहा गया है जिसका उपयोग उनमें से कई 4 साल पहले कोविड प्रकोप के बाद से ही नहीं कर रहे हैं। कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय नहीं आते हैं तो उनका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा।
केंद्र सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि 'किसी भी कारण से, अगर कर्मचारी किसी विशेष दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाता है तो उसे पहले से सूचित किया जाना चाहिए और आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन किया जाना चाहिए।
सर्कुलर में कहा गया है कि अधिकारी अपने अनुभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति और समय की पाबंदी की निगरानी करें। केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुले रहते हैं, लेकिन जूनियर स्तर के कर्मचारियों का देर से आना और जल्दी चले जाना सामान्य बात है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में लगे कर्मचारी भी शामिल हैं जिससे लोगों को असुविधा होती है। वहीं वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं उनके लिए काम के कोई निश्चित घंटे नहीं, हम काम घर भी ले जाते हैं।