SBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, चुनावी बॉन्ड का पूरा ब्योरा EC को दिया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 21 मार्च 2024 (17:49 IST)
SBI's statement in the Supreme Court regarding electoral bonds : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने चुनावी बॉण्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी है। शीर्ष अदालत में दाखिल एक अनुपालन हलफनामे में एसबीआई के अध्यक्ष ने कहा कि साइबर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के बैंक खाते की पूरी संख्या और केवाईसी के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए।
ALSO READ: 'काला धन नहीं चुनावी बॉन्ड, पार्टियों के खातों में दिखता है साफ', गृह मंत्री शाह ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी
बैंक के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, इसी तरह, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए दानदाताओं के केवाईसी विवरण भी सार्वजनिक नहीं किए गए। हालांकि तथ्य यह भी है कि ऐसी जानकारी प्रणाली में दर्ज/संकलित नहीं की जाती है। राजनीतिक दलों की पहचान के लिए ये आवश्यक भी नहीं हैं।
ALSO READ: Electoral Bonds : चुनावी बॉन्ड पर बोले राहुल गांधी, दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली
हलफनामे में कहा गया है कि एसबीआई ने जानकारी का खुलासा किया है, जिसमें बॉण्ड के खरीदार का नाम, उसका मूल्य और विशिष्ट संख्या, इसे भुनाने वाली पार्टी का नाम और बैंक खाता संख्या के अंतिम चार अंक दर्शाए गए हैं। इसमें कहा गया, एसबीआई ने 21 मार्च को निर्वाचन आयोग को अपने पास मौजूद चुनावी बॉण्ड के सभी विवरण प्रदान किए हैं।
ALSO READ: चुनावी बॉन्ड मामले को CAA से दबाना चाहती है मोदी सरकार, लागू करने में क्यों लगा 4 साल और 3 महीने का वक्त
उच्चतम न्यायालय ने एसबीआई को लगाई थी फटकार : हलफनामे में कहा गया, एसबीआई ने 15 फरवरी, 2024 और 18 मार्च 2024 को इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशानुसार अब सभी विवरणों (पूर्ण खाता संख्या और केवाईसी ब्यौरा के अलावा) का खुलासा कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च को एसबीआई को फटकार लगाते हुए उसे मनमाना रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करने को कहा था।
 
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना को कर दिया था रद्द : उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड से संबंधित सभी जानकारियों का खुलासा करने का निर्देश दिया था जिसमें विशिष्ट बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं। इससे पहले 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र की विवादास्पद चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था। साथ ही एसबीआई को 13 मार्च तक निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकताओं के बारे में खुलासा करने का आदेश दिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख