पहले भी खारिज हो चुकी है जनहित याचिका : इससे पहले भी, शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित परीक्षार्थियों द्वारा। प्रधान न्यायाधीश ने वकील से कहा था कि आप (वकील) क्यों आए हैं? छात्रों को खुद यहां आने दीजिए। उन्होंने साथ ही कहा था कि इस जनहित याचिका को अस्वीकार करते हुए हम इसके गुण-दोष पर कुछ नहीं कहेंगे।
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