अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र का पक्ष रखते हुए न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि यह पाया गया है कि लोग ऐसे पैन कार्ड की जानकारी दे रहे थे, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनवाया गया है।
इस पर पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा, 'क्या इसका उपाय यह है कि आपके पास पैन बनवाने के लिए आधार होना चाहिए? इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया?' इसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि पहले भी पाया गया था कि लोग फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड खरीद रहे थे। तब शीर्ष अदालत ने सरकार से इसपर लगाम कसने को कहा था।