विभाग ने बताया कि सेंसर अत्यधिक संवेदनशील, चयनात्मक है और यह विभिन्न पानी और खाद्य नमूनों पर लागू होता है। इसे आसानी से संचालित किया जा सकता है। संदर्भ लेबल के साथ सेंसर की सतह पर रंग परिवर्तन का मिलान करके संदूषण के बारे में पता लगाया जा सकता है।
एक बयान के अनुसार कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप प्राप्त करने वाले और वर्तमान में राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, मोहाली में सेवारत डॉ. वनीश कुमार द्वारा विकसित सेंसर को 3 माध्यमों से परखा जा सकता है। इसमें कहा गया है कि मिश्रित धातु (कोबाल्ट/मोलिब्डेनम) आधारित धातु-जैविक ढांचे पर विकसित, यह सेंसर आर्सेनिक की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगा सकता है।(भाषा)