पवार ने कहा कि देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर किसी का ध्यान नहीं है। दरअसल, पिछले तीन महीनों से एक ही मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जबकि अन्य जरूरी मुद्दों को अनदेखा किया जा रहा है।
हालांकि लोगों ने पवार के बाद ट्विटर पर उन्हें ट्रोल किया। शैलेश चौधरी नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि जब शरद पवार कृषि मंत्री थे, तब सबसे ज्यादा आत्महत्या महाराष्ट्र में हुई थीं। तब आप लोगों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू क्यों नहीं किया था?