नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि अगर वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रमुख बनते हैं तो पार्टी के मौजूदा संविधान को पूरी तरह से लागू करेंगे और संसदीय बोर्ड का भी गठन करेंगे जो कई वर्षों से नहीं बना है।
थरूर ने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि कांग्रेस को अपनी शक्तियों का विकेंद्रीकरण करना चाहिए और जमीनी स्तर के पदाधिकारियों को सही मायनों में सशक्त बनाना चाहिए। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि कुछ महीने पहले हुए चिंतन शिविर में जिस उदयपुर नवसंकल्प पर सहमति बनी थी उसे वह पूरी तरह से लागू करेंगे।
यह पूछ जाने पर कि अध्यक्ष बनने पर कांग्रेस के लिए उनकी क्या योजनाएं हैं, 66 वर्षीय थरूर ने कहा कि मैं सोचता हूं कि पहला कदम यह होगा कि कांग्रेस कार्यसमिति का चुनाव कराया जाए ताकि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का प्रसार हो सके। उनका कहना था कि मैं कांग्रेस के संविधान को पूरी तरह से लागू करूंगा। संविधान के तहत कार्यसमिति का चुनाव और संसदीय बोर्ड का गठन जरूरी है। उदयपुर नवसंकल्प को पूरी तरह लागू करूंगा।
पार्टी के जी-23 समूह के नेताओं की यह प्रमुख मांग रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के अलावा कार्यसमिति का भी चुनाव कराया जाए। थरूर भी इस समूह में शामिल थे जिसने सोनिया गांधी को अगस्त, 2020 में पत्र लिखा था। कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में जिस पर नवसंकल्प को जारी किया था उसमें एक परिवार, एक टिकट, संगठन में 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व देने समेत कई सुधारों का वादा किया गया था।
थरूर के अनुसार उन्होंने अपने घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया है कि कांग्रेस को प्रदेश कांग्रेस कमेटियों, जिला कमेटियों, ब्लॉक कमेटियों और बूथ कमेटियों के अध्यक्षों को असली ताकत देनी होगी ताकि राज्यों में पार्टी को सशक्त बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमें शक्तियों का विकेंद्रीकरण करना होगा और पार्टी के जमीनी पदाधिकारियों को सही मायनों में सशक्त बनाना होगा। मिसाल के तौर पर हमारे पीसीसी डेलीगेट की पिछले 22 वर्षों से कोई भूमिका नहीं थी। अब वे 17 अक्टूबर को मतदान करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का कहना है, मैं चाहता हूं कि डेलीगेट का निर्वाचित दर्जे का सम्मान किया जाए और विचार-विमर्श की प्रक्रिया में उन्हें शामिल किया जाए, उचित मंच प्रदान किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को भाजपा की केंद्रीकृत शक्तियों के बरक्स एक ठोस विकल्प देना होगा।
थरूर ने कहा कि मैं 2014 के संप्रग के नारे मैं नहीं, हम का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। संगठन के नया रूप देने, जमीनी नेताओं को सशक्त बनाने और अपनी सफलता में कार्यकर्ताओं को शामिल करने से न सिर्फ नए अध्यक्ष से बोझ कम होगा, इससे प्रदेश स्तर पर मजबूत नेतृत्व तैयार करने में मदद मिलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। मल्लिकार्जुन खड़गे और थरूर उम्मीदवार हैं। खड़गे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।