अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 2 मार्गों पर इस योजना को प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था जिसकी सफलता से इस पहल को काफी बल मिला है। उन्होंने बताया कि प्रायोगिक तौर पर जिन 2 खंडों में इसे लागू किया गया है, उनमें से एक में आय में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है और 63 प्रतिशत अधिक यात्रियों ने बुकिंग कराई है।
इस कदम पर ऐसे समय में विचार किया जा रहा है, जब 'फ्लेक्सी-फेयर' की योजना को लेकर रेलवे आलोचना का सामना कर रहा है। इसको लेकर लोगों में यह धारणा बनी है कि इससे शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों के किरायों में वृद्धि हुई है। रेलवे 45 शताब्दी ट्रेनों का परिचालन करती है और ये देश की सबसे द्रुत गति की ट्रेनों में से हैं। (भाषा)