मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने शहर में एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने राउत का घर से बना भोजन और दवाएं मंगाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया। हालांकि उसने बिस्तर के उनके अनुरोध पर कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि जेल नियमावली के अनुसार जेल प्राधिकारी बिस्तर की पर्याप्त व्यवस्था करते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गत 1 अगस्त को शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान राउत ने कथित अपराध में अपनी संलिप्तता के बारे में जवाब नहीं दिया। जांच एजेंसी ने अपनी अर्जी में कहा कि इस स्तर पर आरोपी की रिहाई से जांच में बाधा आएगी।
ईडी ने कहा कि एक बहुत प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते, जिसके खिलाफ गवाहों को धमकाने के आरोप सामने आए हैं, यह आशंका है कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि अपराध से अर्जित आय पूरी तरह से ढंक जाए। उसने कहा कि इसलिए जारी जांच के हित में आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 60 वर्षीय राउत को उपनगर गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उन्हें सेामवार को ईडी की हिरासत समाप्त होने पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे की अदालत में पेश किया गया था।
ईडी ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध नहीं किया। इसके बाद न्यायाधीश ने राउत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से जुड़ी है।(भाषा)