शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया कि शिर्डी साईंबाबा की बदौलत समृद्ध हुआ है और जिस शहर में संत की मृत्यु हुई, वहां की समृद्धि को कोई नहीं छीन सकता। इसमें यह भी कहा गया कि साईंबाबा संस्थान की संपत्ति 2,600 करोड़ रुपए से अधिक है और इससे सामाजिक कार्य किए जाते हैं।
मुखपत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कोई विवाद खड़ा नहीं किया। पाथरी और शिरडी के लोगों को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे साईंबाबा की आभा फीकी पड़ेगी। सामना में कहा गया कि साईंबाबा शिर्डी के अहमदनगर में अवतरित हुए थे, लेकिन यह कोई नहीं कह सकता है कि उनका जन्म वहां हुआ था।