Sikkim flood news : उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत करीब 102 लोग लापता हो गए। 3000 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि मरने वाले सभी 14 लोगों की पहचान आम नागरिकों के रूप में की गई है। इनमें से 3 लोग उत्तरी बंगाल में बह गए थे। अब तक करीब 166 लोगों को बचाया गया है, जिनमें सेना का एक जवान भी शामिल है। बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है।
सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है। चुंगथांग में तीस्ता चरण तीन बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी फंसे हुए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है क्योंकि 14 पुल ढह गए हैं, जिनमें से 9 सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन हैं और 5 राज्य सरकार के हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य में अचानक आयी बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना के लापता जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) ने सिक्किम की स्थिति की समीक्षा की और पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया।
इससे पहले रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। उन्होंने बताया कि सेना के 22 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, बुधवार दोपहर एक बजे तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था और इसके आसपास बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि तीन जगहों-मेल्ली, सिंगताम और रोहतक पर तीस्ता का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन इसके करीब बना हुआ है।
नदी में उफान के कारण तीस्ता नदी घाटी क्षेत्र में स्थित डिक्चु, सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में भी बाढ़ आ गई है। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।