एक जेल कर्मी की हत्या करने के बाद फरार हुए 8 सिमी आतंकवादियों ने पुलिस ने ग्रमिणों की सूचना पर घेरकर उनसे हुई मुठभेड़ में उन्हें मार गिराया। आईजी योगेश चौधरी ने कहा कि आठों आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया था। आतंकियों ने सरेंडर करने के बजाए पुलिस पर फायरिंग कर दी। आईजी ने बताया कि जवाबी फायरिंग में सभी आठ आतंकी मारे गए हैं।
आतंकवादियों के पास से कुछ ड्रायफुड, कपड़े और छोटी-सी पिस्टल के रूप में हथियार मिले हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि इनकी कोई मदद कर रहा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समूचे घटनाक्रम की एनआईए से जांच करने की घोषणा की है।
पुलिस और एसटीएफ की टीम ने जिस तत्परता से आतंकवादियों की घेरकर मार गिराया उसकी सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं। अन्यथा ये आतंकवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और असदुद्दीन औवेसे ने मजाक उड़ाते हुए इस पर सवाल खड़े किए हैं।
आम आदमी पार्टी : आतंकियों के एनकाउंटर पर AAP नेता और विधायक अलका लांबा ने कहा कि आतंकी मारे गए, अच्छा हुआ। 8 आतंकियों का एक साथ भागना, फिर कुछ घंटों बाद एक ही साथ एनकाउंटर में मारे जाना। सरकार के पास 'व्यापम' फॉर्मूला भी था।
कांग्रेस : इस घटना के बाद कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी जेल से भागे हैं या किसी योजना के तहत भगाए गए हैं? जांच का विषय होना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने यहां सिमी की बजरंग दल से तुलना करते हुए कहा कि दंगा फसाद ना हो इस पर प्रशासन को नजर रखनी पड़ेगी। दोनों मिलकर दंगे कराते हैं. खंडवा से भी जेल तोड़कर सिमी के लोग भागे और भोपाल की जेल से भी भागे। सिमी और बजरंग दल पर मैंने प्रतिबंध लगाने की सिफारिश तत्कालीन एनडीए सरकार से की थी, उन्होंने सिमी पर तो लगा दिया लेकिन बजरंग दल पर नहीं लगाया। कमलनाथ ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं।