OMG, बर्फबारी ने रोका जवान का रास्ता, नहीं बज सकी शहनाई
रविवार, 19 जनवरी 2020 (18:59 IST)
श्रीनगर। सेना का जवान कैसी-कैसी कुर्बानियां देता है, इसकी मिसाल बर्फबारी में फंसे उस जवान ने पेश की जो अपनी शादी के दिन हिमाचल प्रदेश स्थित अपने घर नहीं पहुंच सका। हिमाचल प्रदेश के मंडी निवासी सेना का जवान बर्फबारी में फंस जाने के कारण कश्मीर घाटी से ही बाहर नहीं निकल सका।
सेना ने एक ट्वीट में कहा है कि एक सैनिक के लिए देश हमेशा सबसे पहले है और जिंदगी उसके लिए इंतजार कर लेगी।
मंडी निवासी जवान सुनील की गत गुरुवार को शादी थी। दो हफ्तों से हो रही बर्फबारी की वजह से वह घाटी में ही फंसा रहा। जवान की शादी की रस्में बुधवार को शुरू हुईं और गुरुवार को बारात लड़भडोल के एक गांव के लिए खैर ग्राम से निकलने वाली थी।
दोनों परिवारों ने अपने घरों को भव्य रूप से सजाया था। सभी रिश्तेदार पहुंच गए थे। सभी लोग दूल्हे सुनील का इंतजार कर रहे थे। उसकी छुट्टियां एक जनवरी से शुरू होनी थी और वह कुछ दिनों पहले ही बांदीपोरा स्थित ट्रांजिट कैंप पर पहुंच गया था।
सेना के चिनार कोर ने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'जिंदगी इंतजार करेगी, यह वादा है। भारतीय सेना का एक जवान कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी की वजह से अपनी शादी में नहीं पहुंच सका। चिंता मत करिए जिंदगी इंतजार करेगी। देश हमेशा सबसे पहले है। दुल्हन के परिवार वाले नयी तारीख के लिए राजी हैं। एक सैनिक की जिंदगी का बस एक और दिन।'
दरअसल, खराब मौसम की वजह से सभी रास्ते बंद हो गए थे, जिससे सुनील बांदीपोरा में ही फंस गया। दुल्हन और उसके परिवार को जब पता चला कि सुनील अब तक घर ही नहीं पहुंचा तो वे निराश हो गए।
सुनील ने श्रीनगर से उन सभी लोगों से फोन पर बात की और उन्हें बताया कि खराब मौसम की वजह से फ्लाइट टेकऑफ नहीं कर सकती है।
दुल्हन के चाचा संजय कुमार ने कहा कि शादी की सभी तैयारियां दोनों परिवारों ने की थी। उन्होंने कहा,“हमारे सभी रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। सभी सुनील का इंतजार कर रहे थे, सबको उसकी फिक्र थी। वह सीमा पर देश की सेवा में जुटा है, इस बात की वजह से हम उस पर गर्व करते हैं। अब तो एकमात्र विकल्प यही है कि शादी की तारीख को बढ़ा दिया जाए।
कश्मीर में तैनात सैनिक भारी बर्फबारी के बावजूद सीमा पर चौकन्ने रहते हैं। इसके साथ ही आम नागरिकों की मदद के लिए वे हमेशा तैयार रहते हैं। सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी की वजह से कश्मीर घाटी में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहता है।