श्रीमती गांधी हाल ही में कह चुकीं हैं कि अगले आम चुनाव में देशहित में सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए आपसी छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाने की जरुरत बताई थी। उन्होंने कहा था कि वह विपक्ष की एकजुटता के लिए विभिन्न दलों के नेताओं से बातचीत करेंगी। इस रात्रिभोज को इसकी शुरुआत माना जा रहा है।
इन दलों के प्रतिनिधि संसद में हैं और इन सभी ने देश की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी और राष्ट्रहित में संसद चलाने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने पर चर्चा की। रात्रिभोज में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप्त बंद्योपाध्याय, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी के सतीशचंद्र मिश्रा, द्रमुक नेता कनिमोझी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद थे।
इनके साथ ही राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव तथा मीसा भारती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, राष्ट्रीय लोकदल के अजीत सिंह, भाकपा के डी राजा, आईयूएमएल के श्री कुट्टी, जेवीएम के बाबूलाल मरांडी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, जनता दल यू से अलग हुए गुट के नेता शरद यादव, हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के जीतनराम मांझी, जनता दल एस के डॉ. के रेड्डी तथा एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल भी इसमें शामिल हुए।
भोज में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद तथा लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहदम पटेल, एके एंटनी भी मौजूद थे। (वार्ता)