मीडिया खबरों के अनुसार लोकसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा के सभी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 'सोनिया गांधी माफी मांगो' के नारे लगाने लगे। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो सोनिया गांधी बाहर जा रही थीं। इस बीच वे वापस लौट कर रमा देवी के पास आईं और कहा कि मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है, अधीर रंजन चौधरी ने तो माफी मांग ली है।
इससे पहले स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया जाना भारत के हर मूल्य और संस्कार के विरुद्ध है। यह जानते हुए कि यह संबोधन उस सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा पर आघात करता है, तब भी कांग्रेस के एक पुरुष नेता ने यह घृणित कार्य किया है।
उन्होंने कांग्रेस को आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी पार्टी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि द्रौपदी मुर्मू को जब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया तभी से कांग्रेस उनका उपहास कर रही है और इस क्रम में उसने उन्हें कभी कठपुतली तो कभी अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा।
मुर्मू के एक ऐतिहासिक चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि एक आदिवासी, गरीब महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह संस्काररहित, मूल्यविहीन एवं संविधान को चोट पहुंचाने वाला काम किया है। संसद में और सड़क पर कांग्रेस और उनके नेताओं को देश की प्रथम नागरिक और देश से माफी मांगनी चाहिए।