चारों धाम के कपाट खुलने के बाद पूर्ण विधि-विधान से यात्रा का विधिवत श्रीगणेश हो गया है।बद्रीनाथ समेत यमुनोत्री, गंगोत्री और बाबा केदारधाम के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। चारधाम यात्रा का विधिवत आगाज होते ही उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। चारधाम यात्रियों की सुविधा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार 9 भाषाओं में यात्रा की नई एसओपी जारी की है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार लगातार चारों धामों की स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े अधिकारियों से अपडेट लेने के साथ जरूरी निर्देश देने के लिए स्पॉट पर भी जाकर व्यव्स्थाओं का निरीक्षण कर चुके हैं। चारधाम यात्रियों की सुविधा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार 9 भाषाओं में यात्रा की नई एसओपी जारी की है। मातृ भाषा हिन्दी के साथ ही तमिल, उड़िया, कन्नड़, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और अंग्रेजी में यह एसओपी जारी की है।
एसओपी जारी करते हुए मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि लोकल लैंग्वेज में एसओपी जारी होने से यात्रियों को सुविधा होगी। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री पूरी एसओपी का अध्ययन करने के साथ पूरी तैयारी के साथ यात्रा में आएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि पूरी तैयारी के साथ यात्रा पर आएं।
यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए अपने शरीर को यात्रा के वातावरण के अनुकूल बनाएं। जब आपका शरीर वातावरण के अनुकूल हो जाए तो फिर यात्रा करना शुरू करें। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर नजदीकी चिकित्सा इकाई से संपर्क करें।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा चारों धाम की यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठंड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। अतः सभी तीर्थयात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु निम्न दिशा-निर्देश निर्गत किए जा रहे हैं।
यात्रा से पूर्व क्या करें : 1. योजना बनाना, तैयारी करना, सामान पैक करना, रोकथाम पर ध्यान देने से आप अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। कृपया अपनी यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रेक की तैयारी सुनिश्चित करें। उच्च ऊंचाई बीमारी का कारण बन सकती है। इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना और पैक करना महत्वपूर्ण है।
योजना बनाएं : 1. अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों के लिए बनाएं, वातावरण के अनुरूप अनुकूलन के लिए समय दें। अनेक ब्रेक की योजना बनाएं, ट्रैक के हर एक घंटे बाद या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लें।
तैयारी कैसे करें : 1. रोजाना 5-10 मिनट के लिए श्वास व्यायाम का अभ्यास करें। 2. रोजाना 20-30 मिनट टहलें। 3. यदि यात्री की आयु 55 वर्ष है या वह हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या मधुमेह से ग्रस्त है तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं।
यह सामान पैक करें : 1. गर्म कपड़े ऊनी स्वेटर, धर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने मोजे, बारिश से बचाव के यंत्र रेनकोट, छाता, 2. स्वास्थ्य जांच उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर पहले से मौजूद स्थितियों (हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह) वाले यात्रियों के लिए। 3. सभी जरूरी दवा, परीक्षण उपकरणों और अपने घर के चिकित्सक का संपर्क नंबर ले जाएं।
विशेष ध्यान रखें : 1. कृपया अपनी यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट की जांच करें और सुनिश्चित करें कि आपके पास ठंडे तापमान में प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं। 2. अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं, तो कृपया यात्रा न करें।
यात्रा के दौरान क्या ध्यान रखना है : 1. स्वस्थ सतर्क सफल यात्रा : अपनी सुविधा के लिए यात्रा मार्ग के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा रखे गए संचार को देखें और सभी दिशा-निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। 2. यात्रियों की सेवा के लिए नियोजित निकटतम चिकित्सा इकाई के मानचित्र का संदर्भ लें।
चिकित्सा राहत केंद्र : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल। 1. उत्तराखंड चिकित्सा इकाई की पहचान करने के लिए इमारतों पर स्पष्ट नाम बोर्ड देखें। 2. यदि आप या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है तो कृपया तुरंत निकटतम चिकित्सा इकाई पर पहुंचें। त्वरित जांच आपके जीवन को बचा सकती।
चिकित्सा इकाई से कब संपर्क करना जरूरी है : 1. सीने में दर्द की शिकायत। 2. सांस की तकलीफ (बात करने में कठिनाई) 3. लगातार खांसी चक्कर आना/भटकाव (चलने में कठिनाई) 4. उल्टी 5. बर्फीली/ठंडी त्वचा 6. शरीर के एक तरफ कमजोरी/ सुन्नता 7. उच्च ऊंचाई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। एक मिनट की सावधानी आपका जीवन बचा सकती है।
इन यात्रियों का विशेष ध्यान रखा जाना है : 1. 55 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्री 2. गर्भवती महिलाएं 3. हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा और मधुमेह के इतिहास वाले यात्री 4. अधिक मोटापे से ग्रस्त (30 बीएमआई)
यात्रियों को सलाह : 1. यात्रा के दौरान शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां और मजबूत/ शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें, धूम्रपान से भी बचें। 2. यात्रा के दौरान कम से कम 2 लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार लें।
हम आपकी सेवा में उपलब्ध हैं : किसी भी असुविधा के मामले में हमारे स्वास्थ्य स्क्रीनिंग केंद्रों अथवा चिकित्सा इकाइयों पर संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। इसके अतिरिक्त कोई भी स्वास्थ्य संबंधित आपातकालीन घटना होने पर कृपया हमसे 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।